इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय इन गलतियों से बचें, वरना हो सकता है नुकसान
अपनी आय की सही जानकारी देना और समय पर टैक्स भरना हर किसी की जिम्मेदारी बनती है। लेकिन, अक्सर ITR भरते समय लोगों से कुछ गलतियां हो जाती हैं। कई लोग घर बैठे आसानी से ITR भी फाइल करना पसंद करते हैं ताकि जल्द रिटर्न ले सकते हैं।लेकिन कुछ लोगों को पूरी जानकारी नहीं होने के वजह से अक्सर इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय गलतियां हो जाती हैं जिसकी वजह से ITR रद्द हो जाता है और खामियाजा भुगतना पड़ता है। इसलिए ये बहुत जरुरी है कि अगर आप खुद से ITR फाइल कर रहें हैं तो कुछ बातों का ध्यान जरुर रखें और बाद में होने वाली परेशानी से बचें।
1.सही ITR फॉर्म को भरें:
हमेशा अपनी आय के मुताबिक फॉर्म भरें। अगर आप सैलरीड हैं तो ITR (सहज) फॉर्म भरें और अगर बिजनेस या कोई और काम है तो उसके लिए अलग फॉर्म भरना पड़ता है जैसे कि ITR2, ITR3, ITR 4(सुगम), ITR5 या ITR6 फॉर्म। ये जरूरी है कि आप अपने व्यवसाय और इनकम के हिसाब से फॉर्म भरें। ध्यान दें कि इनकम टैक्स के फॉर्म में संशोधन होते रहते हैं इसलिए ये जरुर देख लें कि पिछले साल जो फॉर्म भरा था वहीं भरना है या कुछ बदलाव हुए हैं। उसके मुताबिक अपने टैक्स स्लैब को चेक करें और सही फॉर्म का चयन करें।
- अपनी आय की सही जानकारी दें:
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय ये सबसे महत्वपूर्ण होता है आप आय की सही जानकारी दें। ITR भरते समय सही आय बताएं जैसे कि अगर आपको किसी ब्याज से इनकम हो रही है, प्रॉपर्टी (किराया) से इनकम है या किसी अन्य कारोबार के जरिए आप कमा रहें हैं तो हर चीज की जानकारी दें। साथ ही सेक्शन 80सी से होने वाले फायदे जैसे पीपीएफ, ईएलएसएस, होम लोन, इंश्योरेंस जैसे निवेश का भी जिक्र करें अगर आपने ऐसा नहीं किया तो इनकम टैक्स विभाग से आपको नोटिस आ सकता है।
3.सभी बैंक खातों से मिलने वाले ब्याज को बताएं:
ध्यान दें कि आप कुछ भी आयकर विभाग से नहीं छुपा पाएंगे क्योंकि आपका पैन कार्ड हर खाते से जुड़ा होता है तो ऐसे में आपकी सारी इऩकम डिटेल्स का पता लग जाता है। इसलिए सभी बैंक खाते से जो भी ब्याज मिलता है उसकी जानकारी फॉर्म भरते वक्त जरुर दें। - फॉर्म 26एएस के साथ सही टीडीएस की जानकारी दें:
सही रिटर्न के लिए ये बहुत जरुरी है कि आप फॉर्म 26एएस को चेक कर लें की सही टीडीएस काटा गया है या नहीं। फॉर्म 16, 16ए, 16बी इन सभी को एक साथ चेक करने की सलाह दी जाती है ताकि सही टीडीएस कटौती का पता लग सके। आपके पैन के जानकारी के जरिए सही टीडीएस कटा है या नहीं ये फॉर्म 26एएस में भरी हुए सारी जानकारी से भी पता लग सकता है। हमेशा ध्यान से सारी जानकारी को चेक करें। फॉर्म 26एएस में सारे टैक्स को एक साथ काटकर दिखाया जाता है जो टीडीएस होता है। हमेशा चेक करें कि सारी जानकारी सही है या नहीं। अगर आपको लगता है कि किसी गलत स्रोत की जानकारी दी गई है और टीडीएस कट गया है जो उसकी जानकारी तुरंत दें। एक समय सीमा के बाद अपने पैन के आधार पर टीडीएस में गलत कटौती की रकम को आप वापस नहीं ले सकते हैं। इसलिए ध्यान से 26एएस फॉर्म में भरे गए सारे इनकम की डीटेल्स को चेक करें।
5.समय से ITR फाइल करें:
ज्यादातर लोग ऑनलाइन ITR भरने लगे हैं ऐसे में पिछले कुछ समय से देखा गया है कि इनकम टैक्स विभाग का पोर्टल अंतिम तारिख के समय हैंग हो जाता है या क्रैश हो जाता है। ऐसे में इन समस्याओं से बचने के लिए समय से अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करें। अंतिम समय में फॉर्म भरने से बचें। देर से ITR भरने से आपको जुर्माने के साथ कुछ सुविधाओं से भी हाथ धोना पड़ सकता है। इसलिए समय से अपना ITR फाइल करें। - टैक्स डेक्लरेशन सही भरें और क्लेम करें:
हमेशा अपनी कंपनी में सही टैक्स जानकारी का डेक्लरेशन भरें। जो आपने डेक्लरेशन में बताया है वो साल के अंत में अगर सही प्रमाण देकर साबित नहीं करते हैं तो फॉर्म 16 में उसकी जानकारी नहीं भरी जाएगी। लेकिन आप सही प्रमाण देकर बाद में खुद ITR क्लेम कर सकतें हैं। हमेशा सही निवेश की जानकारी दें। सिर्फ इसलिए की आपकी सैलरी में से टीडीएस नहीं कटें आप पहले तो कुछ भी निवेश दिखा देते हैं लेकिन बाद में गलत और पूरे निवेश प्रमाण नहीं देने के वजह से आपको एक साथ नुकसान उठाना पड़ सकता है। ध्यान दें कि अगर आपकी कोई विदेशी संपत्ति से इनकम, बैंक खाता या कोई निवेश है तो उसका जिक्र भी करें वरना बाद में भारी पैनल्टी देना पड़ सकता है। हमेशा किसी एक्सपर्ट की जानकारी से ही ITR फाइल करें क्योंकि कई चाजें टैक्स संबधित ऐसे होते है जो आम टैक्सपेयर समझ नहीं पाते और गलत फॉर्म भर देते हैं। सही समय पर टैक्स भरें और पैनल्टी से सुरक्षित रहें।