फॉर्म 26एएस में दिखेंगी ये 4 नई चीजें
इस साल फॉर्म 26एएस में कुछ बदलाव दिखेंगे. नया फॉर्म 26एएस एक जून 2020 से प्रभावी हो गया है. अब इसमें टैक्स रिफंड और डिमांड (अगर कोई है) के बारे में भी जानकारी होगी. खरीदे-बेचे गए शेयर, रियर एस्टेट ट्रांजेक्शन, क्रेडिट कार्ड बिलों के पेमेंट का ब्योरा भी इसमें होगा. फॉर्म 26एएस आपका सालाना टैक्स स्टेटमेंट होता है. आप अपने पैन नंबर की मदद से इसे इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट से निकाल सकते हैं.
- नया 26एएस फॉर्मेट
नए फॉर्मेट में आपको अपना आधार नंबर, जन्म की तारीख, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और पता दिखाई देगा. - विशेष वित्तीय लेनदेन से जुड़ी जानकारी
वित्त वर्ष के दौरान सरकार को चुकाए गए टैक्स और विभिन्न आय (सैलरी, ब्याज) के स्रोतों पर टैक्स कटौती के अलावा संशोधित फॉर्म में खास वित्तीय ट्रांजेक्शन से जुड़ी जानकारी भी होगी.
इनमें शेयरों, रियल एस्टेट आदि की खरीद और बिक्री, बैंक ड्राफ्ट की खरीद के लिए कैश पेमेंट, आरबीआई के प्री-पेड इंस्ट्रूमेंट (जैसे मोबाइल वॉलेट), कैश डिपॉजिट, क्रेडिट कार्ड बिलों के पेमेंट (कैश और अन्य तरीके दोनों) शामिल हैं.
यह ब्योरा एक जून 2020 तक किए गए लेनदेन का होगा. हालांकि, ये ट्रांजेक्शन केवल तभी दिखेंगे अगर वित्त वर्ष के दौरान इन्होंने एक सीमा पार कर ली होगी. - इनकम टैक्स डिमांड और रिफंड से जुड़ी जानकारी
टैक्स रिफंड या टैक्स डिमांड कि बकाया नए फॉर्म 26एएस में शामिल होगी. इसे चेक करने के लिए आपको ई-फाइलिंग वेबसाइट पर अपने अकाउंट में लॉग-इन करना पड़ता था. हालांकि, अब बकाया टैक्स या इनकम टैक्स रिफंड फॉर्म 26एएस में भी उपलब्ध होगा. - इनकम टैक्स से जुड़ी कानूनी कार्यवाही की जानकारी
इनकम टैक्स से जुड़ी कानूनी कार्यवाही की जानकारी भी अब फॉर्म 26एएस में दी जाएगी. फॉर्म 26एएस के जरिये करदाता इनकम टैक्स से जुड़े कानूनी विवाद के स्टेटस के बारे में भी जान पाएंगे. संशोधित फॉर्म 26एएस में दिखेगा कि इनकम टैक्स विभाग की कोई कार्यवाही लंबित है या पूरी हो चुकी है.