बजट 2021 में इनकम टैक्स हाइलाइट्स
1. सीनियर सिटीजन 75 वर्ष का हो चुका हो। रिटर्न फ़ाइल की जरूरत नहीं, बशर्ते कि, सिर्फ पेंशन व ब्याज की इनकम हो। पेंशन वाले बैंक के अलावा कहीं खाता नहीं हो। सरकार करेगी सिर्फ कुछ बैंकों को नोटिफाई। डिक्लेरेशन देना होगा ताकि सही टैक्स कैलकुलेट हो सके।
1A. शेयर्स के ट्रांजेक्शन करने वालों को बड़ी राहत। अब पोर्टल पर रिफ्लेक्ट होंगे उनके शेयर ट्रांजेक्शन भी। इसलिए शेयर्स का नफा/ नुकसान होगा आटोमेटिक कैलकुलेट।
2. एक फरवरी के बाद से सालाना 2.50 लाख से ज्यादा यूलिप के प्रीमियम की maturity राशि पर लगेगा कैपिटल गेन। कैपिटल एसेट की डेफिनिशन व धारा 10(10D) में संशोधन
3. LTC की बजाय Cash अलाउंस भी होगा टैक्स फ्री
4. छोटे स्कूल व हॉस्पिटल की बल्ले-बल्ले। धारा 10(23C)(iii ad) व ac की लिमिट 1 करोड़ से 5 करोड़ करी। लेकिन एक सोसाइटी/ट्रस्ट की सभी संस्थाओं की रिसिट्स जुड़ेंगी।
5. अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट में रेंटल इनकम को भी दी छूट। प्रोजेक्ट पूरा होने की समय सीमा 31 मार्च 22 तक बढ़ाई। धारा 80IBA
6. न्यू स्टार्ट-अप की भी समय सीमा 31 मार्च 22 तक बढ़ाई। धारा 80IAC व 54GB कैपिटल गेन इन्वेस्टमेंट के लिए
7.फर्स्ट टाइम होम buyer के लिए 45 लाख तक का घर खरीदने पर एक्स्ट्रा छूट 1.50 लाख के लिए समय सीमा 31 मार्च 22 तक बढ़ाई धारा 80EEA
8. 12 नवम्बर 2020 से 30 जून 2021 तक बिल्डर बेच सकेंगे डीएलसी से 20% कम पर व buyer भी खरीद सकेंगे डीएलसी से 20% कम पर। कोई एक्स्ट्रा टैक्स नहीं। धारा 43CA व 56(2)
9.बलॉक ऑफ एसेट्स की डेफिनिशन में से गुडविल को exclude कर दिया।
10. अगर 95% sale व एक्सपेंसेज बैंकिंग चैनल से हुए हैं तो 10 करोड़ के टर्नओवर तक ऑडिट से मुक्ति। धारा 44AB
11. belated रिटर्न व रिवाइज्ड रिटर्न फ़ाइल करने का टाइम 3 महीने घटाया। धारा 139(4) व ,139(5)
12.राजस्थान हाइकोर्ट के निर्णय को किया nullify. कर्मचारी का पीएफ व ESi का कॉन्ट्रिब्यूशन लेट जमा कराया तो टैक्स दो। धारा 2(24)(x) r.w.s 36(vi)
13. परमानेंट डिस्प्यूट रेजोल्यूशन कमेटी बनाई। नई धारा 245MA. अगर एस्सेसेड इनकम 50 लाख से कम व addition 10 लाख से कम, सर्च व कुछ खास केसेज को छोड़ते हुए
14 सर्च/ रेड के असेसमेंट के लिए स्पेशल प्रावधान धारा 153A व 153 C खत्म। अब सर्च केस का हौवा खत्म। पहले एक खास किस्म के सीए व एडवोकेट का वर्चस्व था कि सर्च के केस करने में वे ही सक्षम हैं। वर्चस्व खत्म। अब सर्च के केसेज भी होंगे धारा 147/148 के अनुसार। सेंट्रल सर्कल खत्म होने की संभावना
15. धारा 147 व 148 रेड्राफ्टेड। धारा 153A व 153C इसमें मर्ज कर दी गई।
16. ,नई धारा 148A जोड़ी। reaaseesment के नोटिस से पहले इन्कारी का प्रावधान।
17. केस री-,ओपन के लिए समय सीमा घटाई। 6 साल की जगह 3 साल। अब नहीं आएंगे 4 साल से पुराने नोटिस। बशर्ते कि 50 लाख से बड़ा मामला न हो। वो भी प्रिंसिपल CCIT की परमिशन से
18. धारा 142(1) के नोटिस भी आएंगे अब फेसलेस
19. ITAT प्रोसीडिंग्स फेसलेस
20. इनकम टैक्स सेटलमेंट कमीशन खत्म
21. ट्रस्ट में कॉरपस फण्ड टैक्स फ्री होता है। इसलिए कॉर्पस फण्ड को खर्च करने पर एप्लीकेशन नहीं माना जाएगा
22. ट्रस्ट में लोन लेकर कोई खर्चा या एसेट एक्वायर की है, तो उसको एप्लीकेशन नहीं माना जाएगा।
23. पार्टनरशिप फर्म/AOP/ BOI के डिसॉल्युशन पर पार्टनर या मेंबर को मिलने वाली एसेट पर कैपिटल गेन की गणना का नया फार्मूला। मिलने वाली एसेट/ मनी की बाजार वैल्यू में से कैपिटल एकाउंट का बैलेंस घटाने पर शेष राशि।
24. revenue प्रोटेक्शन के लिए धारा 281B का अटैचमेंट अब Pr Ccit/ pr cit की अप्रूवल की बिना नहीं होगा
25. धारा 143(1)(a) के एडजस्टमेंट अब ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर भी एवं 80AC के आधार पर भी।
26. clarify किया कि धारा 44ADA में कवर नहीं होगी LLP