1) Section 16 of GST Act जो की ITC की eligibility बताता है, उसमें एक नया क्लोज़ जोड़ा गया है Section 16(2)(aa) से, जिसमें कहा गया है की अब डीलर ITC तभी ले सकता है जब उसके Supplier ने अपना Statement of Outward Supply furnished कर दिया हो मतलब Supplier ने अपना GSTR 1 Filled कर दिया है और Detail Communicate कर दी है डीलर को.
यहा Communicate का मतलब Dealer का R2A हुआ indirectly.
इसका मतलब ये हुआ की अब सरकार ने GSTR 2A को legal validity दे दी है, जो अब तक नही थी उनके पास ऐक्ट में, अब आगे मेरे हिसाब से सरकार Rule 36 जो की ITC से डील करता है, वहा एक नया sub rule बनाएगी और फिर डीलर अपना ITC वही ले सकेगा जो की उसके 2A में दिख रहा है
इसके bad फिर Rule 36(4) जो की 5% ITC allow करता है ज़ायद 2A से, वो हटा दिया जाएगा
2) Section 35(5) जो ये GST Audit mandatory करता था, उस Section को delete कर दिया गया है, मतलब अब GST Audit नही करवानी होगी डीलर को
3) Section 44 जो की Annual Return मतलब GSTR 9 से डील करता है, पुराना हटा कर नया कर दिया गया है and उसमें अब पहले जो Next December तक जो Annual Return की टाइम था, वो हटा कर वहा पर सीधा सरकार को पॉवर दे दिया है की वो अपने हिसाब से annual return कि date दे सकती है, दूसरा अब जिनकी audit होंगी उनको अब “Reconciliation” देना होगा ऑडिट की जगह और बाक़ी डीलर के लिए “सायद” हटा दिया गया है GSTR 9
4) Section 50(1) में एक नया provision जोड़ा गया है जो की ये बोलता है की अगर कोई डीलर में return late भरा है तो उसको Interest “Net Liability” पर देना होगा July 17 से, ना की Gross पर लेकिन अगर dealer के return late भरने से पहले डिपार्टमेंट ने S73/74 का notice दे दिया तो फिर Net पर नही gross पर देना पड़ेगा सायद
5) Section 74 की Explanation में S129 and 130 हटा दिया गया है, इसका मतलब ये हुआ की अगर किसी डीलर की गाड़ी अगर रोकी गयी है Section 129 में तो अब उस पर Section 129 के हिसाब से टैक्स तो जिसने गाड़ी रोकी है वो ले लेंगे, फिर अगर उसका Movement अगर S74 वाला है जैसे Evasion of Tax, तो उसका लोकल अफ़सर उसको अब Section 74 का नोटिस देकर उसका assessment और कर सकता है, पहले इसके लिए मना था लेकिन अब कर सकता है
6) S75(12) में एक Explanation जोड दीं गयी है और Self Assessed टैक्स में Section 37 को लिंक कर दिया है , जिसका मतलब ये है की अगर dealer ने अपना GSTR1 Filled किया है तो वो टैक्स payment के लिए liable है, मतलब उसने अगर 3B नही भरा तो डिपार्टमेंट उसका GSTR 1 की liability की हिसाब से Recovery कर सकता है टैक्स
7) Section 83 जो की Attachment से डील करता है, उसका Sub Section 1 Substitute कर दिया है, जिससे अब attachment का पॉवर बड़ा हो गया है डिपार्टमेंट का, पहले ये अधिकार S62,63,64,67,73,74 के notice में ही था, जिसको अब Chapter XII, XIV, XV पूरे में ही लागू कर दिया है, मतलब अब अगर dealer को क़ोई भी notice आएगा तो उसका Bank account attach कर सकता है डिपार्ट्मेंट और साथ में agar fake Invoice का केस है तो जिसके कहने पर किए है उसका भी account attach कर सकता है डिपार्ट्मेंट
8) अगर कोई डीलर Section 129 की अपील करता है तो उसको Appeal से पहले 25% Penalty जमा करवानी पड़ेगी, जबकि बाक़ी सबके लिए 10% है पहले की तरह
9) Section 129 में जो penalty पहले 100% टैक्स की थी, उसको बढ़कर अब 200% कर दिया गया है
गाड़ी को Bank Gaurantee पर release करने की का कहने वाला S129(2) को delete कर दिया है, मतलब अब गाड़ी BG पर release नही होंगी Provisionally जो पहले कर सकते थे
अब गाड़ी रोकने पर PO डीलर को 7 दिन के अंदर नोटिस देगा और notice देने के 7 दिन के अंदर उसका assessment करेगा
पहले अगर डीलर Section 129 में Penalty नही देता था तो उस पर Section130 की penalty भी लागू हो जाती थी, उसको अब हटा दिया गया है, अब अगर डीलर assessment के 15 दिन के अंदर penalty नही देता है तो PO वो truck और माल दोनो को बेच देगा, मतलब Sold कर देगा सीधा
गाड़ी release कर सकता है डिपार्टमेंट, अगर उनको टैक्स या 1 Lakh, जो भी काम हो अगर payment हो गया तो, मतलब pehle गाड़ी भी रिलीज़ नही होती थी, अब transporter को राहत दी गयी है, वो 1 Lakh ज़ायद से ज़ायद देकर अपनी गाड़ी release करवा सकता है अब
10) Section 130 का Non Obstance clause हटा दिया है मतलब अब S130 बाक़ी law से linked हो गया है
S130 में अब penalty सीधी 100% कर दी गयी है, जो की पहले S129 से linked थी