IFSC यानी इंडियन फाइनेंशियल सिस्टम कोड 11 डिजिट का एक अल्फा-न्यूमेरिक कोड होता है, यानी इसमें अंग्रेजी के लेटर्स भी शामिल होते हैं और नंबर्स भी. इसे केंद्रीय बैंक RBI (Reserve Bank of India) असाइन करता है. हर बैंक की हर ब्रांच को यह कोड दिया जाता है
11 डिजिट के इस कोड के पहले 4 डिजिट संबंधित बैंक को रिप्रेजेंट करते हैं. इसके बाद की एक या अधिक डिजिट 0 होती है, जो भविष्य में उपयोग के लिए रिजर्व होती है. आखिरी के जो 6 या कम डिजिट होते हैं वे संबंधित ब्रांच की पहचान होते हैं. उदाहरण के लिए इस कोड को देखिए: SBIN0001999. यह SBI बैंक का IFSC है.
क्या होता है IFSC का काम?
जब हम ऑनलाइन माध्यम से इमीडिएट पेमेंट सर्विसेज (IMPS), रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) से किसी को पैसे ट्रांसफर करते हैं, तो उसकी बैंक डिटेल्स डालते हैं. इस डिटेल में कस्टमर का नाम, बैंक का नाम, अकाउंट नंबर और IFSC कोड शामिल होता है. ये सभी डिटेल्स सही भरने के बाद सही अकाउंट में पैसा पहुंच जाता है.
IFSC Code कैसे पता करे?
IFSC कोड को आप कई जगह चेक कर सकते हैं. इसके बारे में आप वेबसाइट, बैंक अकाउंट और चेक बुक के जरिए पता लगा सकते हैं. कर सकते हैं. बैंक की पासबुक के पहले पेज पर आपको अकाउंट नंबर, एड्रेस, ब्रांच कोड, अकाउंट होल्डर का नाम और IFSC कोड लिखा होता है